Shri Ram - Kewat Samwaad
राम जी - सुनो तुम तरनी केवट हार हमने जाना परले पार --
केवट - सुना मैंने जगत के पालन हार - तुमने जाना परले पार
राम जी - गंगा पार उतार देओ जाना हमें ज़रूर, उतराई ले लीजियो सुन केवट मजदूर -- क्यूंकि है तेरा व्यापार -- हमने जाना परले पार
केवट - गंगा पार उतार देऊन जाना तुम्हे ज़रूर उतराई मैं लूं नहीं लूं चरनन की धुल क्यूंकि है मेरा व्यवहार - तुमने जाना परले पार
(केवट - भगवन मैंने सुना है की आपने एक बार एक शिला को पाँव लगाया था तो वो नारी बन गई थी )
केवट - नै़या मेरी काठ की - पावँ लगे उढ़ जाए - मैं गरीब बूखा रहूँ मेरा बूखा रहे परिवार
राम जी - केवट पाँव पसार दूं - तुम धो लो पानी लाये - प्यास लगी हो अगर तुम्हे तो तुम लो प्यास बुझाये
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